हमे भी समाज में सम्मान मिलना चाहिए : विदर्भ की पहली थर्ड जेंडर एडवोकेट शिवानी सुरकार

November 28,2023

(फोटो : चंद्रकांत भि. पडधाने)

*राजीव गांधी नेशनल अवॉर्ड से 60 व्यक्तियों का सम्मान

नागपुर : मैं उस देश की नागरिक हूं जहां छत्रपति शिवाजी महाराज और सम्राट अशोक जैसा राजा हुआ था। मैं उस देश की नागरिक हूं जहां  डाल-डाल पर सोने की चिड़िया पाईं जाती थी। मैं उस देश की नागरिक हूं जहां ब्रह्माण्ड से भूगोल पाया जाता था। शिवानी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान ने मुझे  इस रूप में मुझे ढाला इसमें मेरी क्या ग़लती है। आज भी लोग  हमें नफ़रत की निगाहों से देखते हैं। हमें आपसे प्यार चाहिए। यह मेरे माता-पिता का आशीर्वाद और उनकी सफलता का प्रयास है कि मैं यहां तक पहुंचीं हूं। मैं देश की वह थर्ड जेंडर हूं जिसके पास चार डिग्रियां हैं। हम से आप प्यार करें, हमे भी समाज में सम्मान मिलना चाहिए। हम भी आपकी तरह बनना चाहते हैं। हम भी विकलांगों की सहायता करते हैं। ऐसी अपनी भावना भाषण के दौरान व्यक्त करते हुए शहर के तिलक पत्रकार भवन में आयोजित राजीव गांधी नेशनल अवॉर्ड सम्मान समारोह के उद्घाटन के अवसर पर देश की तीसरी, राज्य की दूसरी तथा विदर्भ की पहली थर्ड जेंडर एडवोकेट शिवानी सुरकार ने व्यक्त की।


*लेखक व पत्रकार की कलम में पैनी धार* 

*मुंबई के प्रख्यात उद्योगपति अऩंतकुमार अग्रवाल का प्रतिपादन*

समाज अनेक कुरीतियां हैं। उन कुरीतियों को उजागर करने का काम लेखक अपनी कहानियों के माध्यम से तो, कवि अपनी कविताओं के माध्यम अपनी बात समाज तक पहुंचाता है तो, पत्रकार सच्ची घटना को समाज के सामने रखता है। पत्रकार और लेखक की कलम की धार पैनी हो।  यह बात मुंबई के प्रख्यात उद्योगपति अनंतकुमार अग्रवाल ने कही। आगे उन्होंने कहा कि  समाज को जगाने का काम लेखकों और पत्रकारों का ही नहीं, समाज का भी अपना दायित्व है और उसे हर व्यक्ति ने निभाना चाहिए। इस अवसर पर अनंतकुमार अग्रवाल मुझे बहुत सारे टेक्नॉलॉजी रिलेटेड फंक्शन्स मे बुलाया जाता है लेकिन आप जैसे लेखकों के बीच  पहली बार बुलाया गया हैl इस वजह से मैं अपने आपको बहुत गौरवान्तित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा लेखक  का महत्व समाज मे  बहुत अलग है। आप लोग न जाने शब्दावली के सागर में डूब कर कैसे कविता बनाते है । आप लेख लिखते हैं जो समाज का आईना होता है। आप लोग समाज मे जागरूकता लेकर के आते है और समाज की कार्यशाली  से समाज को आईना दिखाते हैं। समाज को बदलने की ताकत आपकी लेखनी में होती है । मैं मानता हूँ कि कलम की ताकत तलवार से ज्यादा होती है। आप सभी लेखक है । आप अपनी अपनी कविता मोतियों के रूप मे फिर पिरोते हैं। मैं एक सफल बिजनेस मैन हूं लेकिन आप लेखक -पत्रकार समाज को बदलने की ताकत रखते हैं। आप अपनी विचारों की आहुति अपने शब्द से आदान- प्रदान करते हैं। इसी तरह आप समाज मे जागृति लाने की कोशिश करते रहें।

प्रारंभ में अतिथियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ज़ी एवं मां सरस्वती ज़ी के छायाचित्र को पुष्पमाला अर्पण कर उन्हें नमन किया। पश्चात उद्योगपति अनंतकुमार अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर कवयित्री श्रीमती सुधा काशिव ने सरस्वती वंदना पेश की। समारोह को संबोधित करते हुए मूर्तिजापुर के प्रख्यात साहित्यकार रविन्द्र जवादे ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में देश के विभिन्न  राज्यों से पधारे  साहित्यिक, सामाजिक, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र के व्यक्तियों के शामिल  होने से इस समारोह चार चांद लग गए।  पुरस्कार हासिल करने  के बहाने यहां पधारने पर उन्हे प्रेरणा मिली है।  उन्होंने कहा कि पुरस्कार व्यक्तित्व को प्रेरणा एवं सकारात्मक कार्य करने का आयाम देता है। इस अवसर पर उन्होंने  26नवंबर को हुए आतंकवादी हमले की निंदा कर संविधान दिन की शुभकामनाएं दी। लेखकों तथा पत्रकारों को समाज का आईना बदलने की प्रेरणा दी।

प्रारंभ में अतिथियों ने अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्वर्गीय राजीव गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें नमन किया। उद्योगपति श्री अनंतकुमार अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर विदर्भ की पहली थर्ड जेंडर एडवोकेट शिवानी सुरकार प्रमुख रुप से उपस्थित थी। इस कार्यक्रम में रचनाकार अकादमी के अध्यक्ष अतुलकुमार शरारा तथा सचिव  पूनम अग्रवाल ने उद्योगपति अनंतकुमार अग्रवाल, सहसचिव वीना आडवाणी ने शिवानी सुरकार, तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष रविन्द्र जवादे का सत्कार जमील अंसारी ने किया। इस अवसर पर कोलकाता से पधारीं कृष्णा भिवानी वाला, ओरिसा की किरण अग्रवाल प्रमुखता से उपस्थित थीं। इस मौके पर देश  विभिन्न क्षेत्रों से पधारे 60 प्रतिभागियों को राजीव गांधी नेशनल अवॉर्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सावनेर से पधारे अमन रंगेला की पुस्तक रिश्ते जन्मों के, वीना आडवाणी तन्वी की  हिन्दी से सिंधी भाषा में अनुवादित ज्ञानेश्वरी ग्रंथ, गोंदिया की किंजल मेहता, अरुण गोडे की पुस्तक बहुजन और  परोपकारी व पूनम अग्रवाल की पुस्तक यादों के झरोखें का विमोचन अतिथियों ने किया। संचालन  नरेंद्र सिंह परिहार ने किया तथा आभार अकादमी के अध्यक्ष अतुलकुमार शरारा ने माना। कार्यक्रम के सफलतार्थ  पूनम अग्रवाल, वीना आडवाणी, अमन रंगेला, योगेश शाहू, जमील अंसारी,  सुश्री जागृति, फ्रैंक हर्ष आदि प्रयासरत थे।