गांवों का गढ़, शहरों का समीकरण... गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में किसका क्या दांव पर?

December 05,2022

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022  के दूसरे चरण के लिए 14 जिलों की 93 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है. यह चरण बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. 93 सीटों के लिए 833 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में मध्य गुजरात और उत्तर गुजरात की सीटें शामिल हैं. अहमदाबाद और वडोदरा सहित शहरी इलाकों में बीजेपी की अग्निपरीक्षा है. वहीं, उत्तर गुजरात कांग्रेस का परंपरागत गढ़ है और ओबीसी बाहुल्य इलाका है. 

दूसरे चरण की 93 सीटों पर 61 राजनीतिक दलों के 833 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें 285 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में है तो बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने सभी 93 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतार रखे हैं. दूसरे चरण में कांग्रेस 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है है तो उसकी सहयोगी एनसीपी ने दो सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वहीं, बीटीपी 12 और बसपा 44 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

अल्पेश-जिग्नेश-हार्दिक की परीक्षा

गुजरात के फाइनल और अंतिम चरण के चुनाव में कई कद्दावर नेताओं के भी भाग्य का फैसला होना है तो प्रदेश के तीन युवा नेताओं के लिए इम्तिहान की घड़ी है. घाटलोडिया सीट से सीएम भूपेंद्र पटेल, वीरमगाम से बीजेपी नेता हार्दिक पटेल, गांधीनगर दक्षिण से अल्पेश ठाकोर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस से वडगाम सीट पर दलित नेता जिग्नेश मेवानी, जैतपुर सीट से विपक्ष के नेता सुखराम राठवा हैं. वाघोडिया सीट पर  बीजेपी के बागी नेता मधु श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. 

मध्य और उत्तर गुजरात

गुजरात के दूसरे चरण में मध्य गुजरात की 61 और उत्तर गुजरात की 32 सीटों पर चुनाव है. ये दौर कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी तीनों के लिए काफी मुश्किलों भरा है. दूसरे चरण की जिन 93 सीटों पर चुनाव है, उसमें से 54 सीटें ग्रामीण क्षेत्र की हैं तो 39 सीटें शहरी हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव बीजेपी ने 93 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी जीती थी जबकि कांग्रेस 39 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. इसके अलावा तीन सीटें अन्य को मिली थी, जिसमें से दो बीटीपी और एक सीट निर्दलीय जिग्नेश मेवानी जीते थे. 

दूसरे दौर की सीटों को क्षेत्रीय आधार पर देखें तो मध्य गुजरात की 61 में से 37 सीटें बीजेपी के खाते में गईं थीं. कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं जबकि वहीं, अन्य के खाते में दो सीटें गई थी. इस तरह से मध्य गुजरात के इलाके में बीजेपी को बड़ी बढ़त मिली थी, क्योंकि पार्टी का यह मजबूत गढ़ माना जाता है. वहीं, उत्तर गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. इस इलाके की 32 में से 17 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी तो 14 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. एक सीट पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवानी जीते थे.  

कांग्रेस की ग्रामीण क्षेत्र में पकड़

कांग्रेस गुजरात में भले ही दो दशक से सत्ता से बाहर हो, लेकिन उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात की ग्रामीण सीटों पर पकड़ हमेशा से मजबूत बनाए रखा है. 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन दोनों इलाकों की ग्रामीण क्षेत्रों की सीटों पर काफी बेहतर नतीजे हासिल किए थे. उत्तर गुजरात में कांग्रेस का प्रदर्शन बीजेपी के मुकाबले बेहतर रहा था. इस इलाके में कांग्रेस को बीजेपी से तीन सीटें ज्यादा मिली थीं और एक सीट पर उसके समर्थित निर्दलीय जीता था. 

शहरी क्षेत्र में बीजेपी का आधार

उत्तर गुजरात में कांग्रेस का पल्ला भारी रहा था जबकि दक्षिण गुजरात में बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की थी. मध्य गुजरात सीटों के लिहाज से गुजरात का सबसे बड़ा इलाका है. इस इलाके में अहमदाबाद, वडोदरा जैसे जिले आते हैं, जो भाजपा का गढ़ माने जाते हैं. अहमदाबाद में सबसे ज्यादा 21 और वडोदरा में 10 सीटें आती हैं. अहमदाबाद की 21 में से 15 सीट और वडोदरा की 10 में से 8 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी.  इस बार आम आदमी पार्टी का पूरा दारोमदार इसी शहरी इलाके पर टिका है. 

दूसर चरण में 14 जिलों में चुनाव हो रहे हैं. मध्य गुजरात में अहमदाबाद, दाहोद, खेड़ा, आणंद, पंचमहल, वडोदरा, जिले आते हैं जबकि उत्तर गुजरात में गांधीनगर, बनासकांठा, साबरकांठा, अरवली, मेहसाना, छोटा उदयपुर अलवल्ली और पाटन जिलों की सीटों पर वोटिंग हो रही है. राज्य के बदले समीकरण में इस बार कांग्रेस, बीजेपी आम आदमी पार्टी के लिए काफी अहम है. 

मध्य गुजरात में अहमदाबाद और वडोदरा बीजेपी के मजबूत गढ़ माने जाते हैं. ये दोनों जिले शहरी क्षेत्र में हैं. अहमदाबाद और वडोदरा जिले के दम पर बीजेपी आगे निकल गई. लेकिन इस बार सियासी माहौल बदला है. आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ शहरी क्षेत्रों में अपना दमखम दिखाने के लिए बेताब है. यह चरण डेयरी उद्योग के लिए भी जाना जाता है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी क्या कांग्रेस को दुर्ग को भेद पाएगी? 

गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में 93 सीटों में 33 सीटों पर ओबीसी निर्णायक भूमिका में हैं, तो 15 सीटों पर पाटीदार जीत हार का फैसला करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला का भी गढ़ माना जाता है. शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं. पिछले चुनाव में मध्य गुजरात में बीजेपी का जहां शहरी सीटों पर दबदबा था तो वहीं कांग्रेस ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी.